yan sandhi examples in hindi
yan sandhi ka sutra hai
यण् संधि के चार नियम हैं –
इ / ई + भिन्न स्वर = य्
उ / ऊ + भिन्न स्वर = व्
ऋ + भिन्न स्वर = र्
लृ + भिन्न स्वर = ल्
Yan-Sandhi ki paribhasha
यण् सन्धि की परिभाषा ( Yan Sandhi ki paribhasha ) :- यदि दीर्घ इ ऋ उ, लृ के पश्चात कोई विजातीय स्वर हो तो दीर्घ इ उ ऋ लृ के स्थान पर क्रमशः य् व् र् ल् आदेश होगा |
अथवा
Yan-Sandhi kise kahate hain
यण् सन्धि ;- इक् इ उ ऋ लृ varn के परे असमान swar होने पर इक् इ उ ऋ लृ के स्थान पर क्रमशः यण् य् व्, र् ल् का आदेश होता है।
yan-sandhi examples
• देव्यागमन = देवी + आगमन
• देव्यालय = देवी + आलय
• सख्याग्म = सखी + आगम
• उपर्युक्त = उपरि + उक्त
• प्रत्युपकार= प्रति + उपकार
• प्रत्युत्तर = प्रति + उत्तर
• अभ्युदय = अभि + उदय
• न्यून = नि + ऊन
• अभ्यागत = अभि + आगत
• व्यंजन = वि + अंजन
• अध्याय = अधि + आय
• इत्यादि = इति + आदि
• व्यवहार = वि + अवहार
• व्यभिचार =वि + अभिचार
• सख्यागमन =सखी + आगमन
• अभ्यास =अभि + आस
• स्वागत= सु + आगत
• पित्रुपदेश = पितृ + उपदेश
• मात्राज्ञा = मातृ + आज्ञा
• मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा
• साध्वाचार = साधु + आचार
• अत्यधिक = अति + अधिक
• प्रत्यक्ष = प्रति + अक्ष
• प्रत्याघात = प्रति + आघात
• अत्यंत = अति + अंत
• यद्यपि = यदि + अपि
• अत्यावश्यक = अति + आवश्यक
• अत्युत्तम = अति + उत्तम
• अत्यूष्म = अति + उष्म
• अन्वय = अनु + आय
• मध्वालय = मधु + आलय
• गुर्वोदन = गुरु + ओदन
• गुरवौदार्य = गुरु + औदार्य
• अन्वित = अनु + इत
• अन्वेषण = अनु + एषण
• पित्रादेश = पितृ + आदेश
• पर्यटन = परि + अटन
• स्वभास = सु + आभास
• देव्यर्पण = देवी + अर्पण
• सख्यपराध = सखी + अपराध
Yan sandhi ke udaaharan
देवी + ऐश्वर्य=देव्यैश्वर्य ई + ऐ = यै
नदी + ऊर्मी=नद्यूर्मी ई + ऊ = यू
अति + आचार=अत्याचार इ + आ = य्
मधु + आलय=मध्वालय उ + आ = वा
अति + उष्म=अत्यूष्म इ + ऊ = यू
अति + उत्तम=अत्युत्तम इ + उ = यु
अति + अल्प=अत्यल्प इ + अ = य्
देवी + ओज=देव्योज ई + ओ = यो
देवी + अर्पण=देव्यर्पण ई + अ = य्
yan-sandhi ke examples
अति + आवश्यक=अत्यावश्यक इ + आ = या
प्रति + अक्ष =प्रत्यक्ष इ + अ = य
अति + अधिक=अत्यधिक इ + अ = य
अनु + आय=अन्वय उ + अ= व
पितृ + अंश=पित्रंश ऋ + अ = र
अनु + अय=अन्वय उ + अ = व
प्रति + आघात=प्रत्याघात इ + आ = या
यदि + अपि=यद्यपि इ + अ = य
पितृ + आदेश=पित्रादेश ऋ + आ = रा
नि + ऊन=न्यून इ + ऊ = यू
अनु + एषण=अन्वेषण उ + ए = वे
गुरु + औदार्य=गुरवौदार्य उ + औ = वौ
गुरु + ओदन=गुर्वोदन उ + ओ = वो
सु + आगत=स्वागत उ + अ = व्
वधू + आगमन=वध्वागमन ऊ + आ = व