sangya kise kahate hain in hindi
sangya kise kahate hain – paribhaasha, bhed evan udaahara

संज्ञा के भेद, sangya ke bhed :-
संज्ञाओं के भेद अनेक आधारों पर किये जा सकते हैं-
(i) पहला वगीकरण :
वस्तु की जीवंतता या अजीवंतता के आधार पर प्राणिवाचक संज्ञा तथा अप्राणिवाचक संज्ञा के रूप में किया जा सकता है। लड़का, घोड़ा, पक्षी आदि में जीवन है, ये चल-फिर सकते हैं, अतः इन्हें प्राणिवाचक संज्ञा कहेंगे। पेड़, ईंट, दीवार आदि में जीवन नहीं है, ये न चल सकते हैं, न बोल सकते हैं, इसलिए इन्हें अप्राणिवाचक संज्ञा कहेंगे।
(ii) दूसरा वर्गीकरण :
गणना के आधार पर हो सकता है। आम शब्द को लें। ‘आम’ को हम गिन सकते हैं- एक, दो, तीन आदि। किन्तु
‘दूध’ को हम गिन नहीं सकते, केवल माप सकते हैं। प्रेम-घृणा आदि की भी गिनती नहीं हो सकती। इस तरह संज्ञा के भेद हुए- गणनीय और अगणनीय। इस वर्गीकरण का व्याकरण की दृष्टि से महत्त्व यह है कि गणनीय संज्ञा वे हैं जिनके एकवचन और बहुवचन दोनों होते हैं। अगणनीय संज्ञा का प्रयोग सदा एकवचन में होता है।
(iii) तीसरा वर्गीकरण व्युत्पत्ति के आधार पर किया जाता है।
व्युत्पत्ति की दृष्टि से संज्ञा के तीन भेद होते हैं-
1.रूढ़
2. यौगिक
3. योगरूढ़
(iv) चौथा वर्गीकरण : अर्थ के आधार पर किया जाता है जो परम्परागत है।
इस दृष्टि से संज्ञा के पाँच भेद हैं-
1. व्यक्तिवाचक
2. द्रव्यवाचक
3.भाववाचक
4. जातिवाचक
5. समूहवाचक
संज्ञा से releted प्रश्न
Q.1 संज्ञा की परिभाषा है?
Q.2संज्ञा का भेद क्या है?
ANSWER 5
Q.3 मनुष्य में कौन सी संज्ञा है?
ANSWER मनुष्य शब्द में भाववाचक संज्ञा
इन्हें भी पढ़ें