उपमान और उपमेय का अभेद कहलाता है upaman or upmey ka abhed kahlata hai
Q.1.उपमान और उपमेय का अभेद कहलाता है
ANSWER= (c) रूपक
Question solution:-
1. उपमेय– उपमेय शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है- “जिसके लिए उपमा दी जाए”। जिस व्यक्ति या वस्तु की किसी अन्य से समता या तुलना की जाती है उसे ‘उपमेय’ कहा जाता है।
2. उपमान- उपमान का शाब्दिक अर्थ है- “जिससे तुलना या समता हो।” जिस प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से समानता बताई जाती है या तुलना की जाती है, उसे उपमेय कहा जाता है।
रूपक अलंकार
काव्य में जहाँ उपमेय पर उपमान का आरोप होता है, वहाँ रूपक अलंकार होता है। उपमेय और उपमान का अभेद रूपक अलंकार कहलाता है। इसमें वाचक शब्द का लोप होता है। रूपक अलंकार, अर्थालंकार है।……… अगला प्रश्न पढ़िए
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V.IMP अलंकार | ANSWER |
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‘तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाए’ में कौन-सा अलंकार है | उत्तर देखें |
‘नवल सुन्दर श्याम शरीर की सजल नीरद-सी कल-क्रान्ति थी।’ में कौन-सा अलंकार है? | उत्तर देखें |
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फूले काँस सकल महि छाई जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई’ में अलंकार है- | उत्तर देखें |
रूपक अलंकार यहाँ होता है। | उत्तर देखें |
“ज्यों-ज्यों बड़े स्याम रंग, त्यों-त्यों उज्ज्वल होय’-इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? | उत्तर देखें |
सिर झुका तूने नियति की मान ली यह बात | स्वयं ही मुरझा गया तेरा हृदय-जलजात। इस पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? | उत्तर देखें |
उपमेय में उपमान का आरोप होने पर अलंकार होता है | उत्तर देखें |
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उपमान और उपमेय का अभेद कहलाता है | उत्तर देखें |