दीर्घ संधि की परिभाषा और उदाहरण, Deergh Sandhi ki paribhasha aur ..hindi0point
दीर्घ संधि किसे कहते हैं
दीर्घ संधि के 12 नियम जो याद करना बहुत महत्वपूर्ण हैं
- अ+अ= आ
- अ+आ= आ
- आ + अ = आ
- आ + आ = आ
- इ + इ = ई
- इ+ई = ई
- ई+इ = ई
- ई+ई = ई
- ऊ + उ = ऊ
- ऊ + ऊ = ऊ
- ऋ + ऋ = ऋ
⌨︎ दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण :-
✍︎नियम नम्बर 1
अ+अ | आ |
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धर्म + अर्थ | धर्मार्थ |
उत्तम + अंग | उत्तमांग |
अद्य + अवधि | अद्यावधि |
धन + अर्थी | धनार्थी |
✍︎नियम नम्बर 2
अ+आ | आ |
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कुश+आसन | कुशासन |
पुस्तक + आलय | पुस्तकालय |
रत्न + आकर | रत्नाकार |
धर्म + आत्मा | धर्मात्मा |
✍︎नियम नम्बर 3
आ + अ | आ |
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विद्या + अर्थी | विद्यार्थी |
माया + अधीन | मायाधीन |
कदा + अपि | कदापि |
विद्या + अनुराग | विद्यानुराग |
✍︎नियम नम्बर 4
आ + आ | आ |
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विद्या + आलय | विद्यालय |
आत्मा + आनंद | आत्मानंद |
गदा + आघात | गदाघात |
वर्ता + आलाप | वार्तालाप |
✍︎नियम नम्बर 5
इ + इ | ई |
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अति + इव | अतीव |
अभि + इष्ट | अभीष्ट |
मुनि + इंद्र | मुनीन्द्र |
रवि + इंद्र | रवीन्द्र |
✍︎नियम नम्बर 6
ई+ई | ई |
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रजनी + ईश | रजनीश |
मही + ईश | महीश |
लक्ष्मी + ईश | लक्ष्मीश |
नदी + ईश | नदीश |
✍︎नियम नम्बर 7
इ+ई | ई |
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कपि+ ईश | कपीश |
अधि+ ईश्वर | अधीश्वर |
गिरि + ईश | गिरीश |
✍︎नियम नम्बर 8
ई+इ | ई |
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महती + इच्छा | महतीच्छा |
मही + इंद्र | महीन्द्र |
लक्ष्मी + इच्छा | लक्ष्मीच्छा |
देवी + इच्छा | देवीच्छा |
✍︎नियम नम्बर 9
उ + उ | ऊ |
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गुरु+उपदेश | गुरूपदेश |
भानु + उदय | भानूदय |
विधु + उदय | विदय |
सु+ उक्ति | सूक्ति |
✍︎नियम नम्बर 10
ऊ + उ | ऊ |
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स्वयंभू + उदय | स्वयंभूदय |
वधू + उपालम्भ | वधूपालम्भ |
वधू + उत्सव | वधूत्सव |
उत्तम+चमू | चमूत्तम |
✍︎नियम नम्बर 11
ऊ + ऊ | ऊ |
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भू +ऊर्ध्व | भूर्ध्व |
भू + ऊर्जा | भूर्जा |
वधू + ऊर्मि | वधूर्मि |
✍︎नियम नम्बर 12
ऋ + ऋ | ऋ |
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पितृ + ॠण | पितॄण |
भ्रात् + ऋद्वि | भ्रातृद्धि |