Charan Kamal Bando Hari Rai Mein Kaun sa Alankar Hai/‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है।

Charan Kamal Bando Hari Rai Mein Kaun sa Alankar Hai/‘चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है।

Q.1 चरण-कमल बन्दों हरि राई।’ में कौन सा अलंकार है।




ANSWER= (iv) रूपक अलंकार

चरण कमल बंदौ हरिराई किसकी रचना है?

चरण कमल बंदौ हरिराई सूरदास जी की रचना है जिसमें वे अपने प्रभु श्री कृष्ण के पावन चरणों का व्याख्यान कर रहे हैं। सूरदास जी भक्ति काल के एक महान कवि थे एवं प्रभु श्री कृष्ण के अनन्य उपासक थे।

चरण कमल बंदौ हरिराई में कौन सा अलंकार है?

उत्तर – रूपक अलंकार

रूपक अलंकार की परिभाषा – ( rupak alankar ki paribhasha)

इसमें उपमेय को उपमान के समान बताया जाता है।” सरल शब्दों में कहें तो जब किसी भी वस्तु (उपमेय) को किसी दूसरी वस्तु (उपमान) के समान बताया जाता है और उनमें कोई अंतर नही राह जाता वहाँ रूपक अलंकार होता है।

चरण कमल बंदौ हरिराई की व्याख्या (अर्थ)

 सूरदास जी ने अपने प्रभु श्री कृष्ण के पावन कमल रूपी चरणों का गुणगान करते हुए लिखा है, मेरे प्रभु श्री कृष्ण ऐसे हैं जिनकी कृपा हो जाये तो लंगड़ा व्यक्ति भी पर्वत को लांघ जाता है, अंधे व्यक्ति को दिखाई देने लगता है, बहरा सुनने लगता है, गंगा फिर से बोल उठता है और भिखारी के सर पर भी छत्र आ जाता है अर्थात एक भिखारी भी राजा बन सकता है। सूरदास के स्वामी बहुत ही करुणामयी हैं एवं बार-बार मैं उनके चरणों में शीष नमाता हूँ।

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